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तू कति चूमण छै! / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तू कति चूमण छै!

सर बियाँरा<ref>आला</ref> क्या धरे बौ<ref>भाभी</ref> हे।
त्यरा दादू<ref>भाई</ref> क रोटी धरे।
खंडकि<ref>टुकड़ी</ref> तोड़िक मैं दियाल वौ हे!
छीः तू कति मंगणया छै।
छीः तु कति चूमण<ref>कंजूस</ref> छै।
सर बियांरा क्या धरे बौ हे!
तेरा दादूक बुखणा, धरेन!
एक खौंकाल<ref>मुट्ठी भर</ref> मैं दियाल बौ हे!
छीः तू कति मंगण्या छै!
छीः तू कति निदऊ<ref>न देने वाली</ref> छै!
सर जटोली<ref>भाड़े</ref> क्या करे बौ हे!
तेरा दादून नर्यूल दे तो!
टुकड़ा तोड़िइ में दियाल बौ हें।

शब्दार्थ
<references/>