भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सगुण रूप में सद्गुरू अइलै / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:37, 24 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ' |अनुवा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सगुण रूप में सद्गुरू अइलै
सतपाल नाम धरैलकै हो।
सगुण-अगुन बीच कुच्छु भेद नै।
प्रेमी के निर्मल ज्ञान बतैलकै हो।
घट-घट में निर्गुण ब्रहह्म बसै छै
सब्भे सन्तें बतैलकै हो
मुहम्मद ईसा राम कृष्ण ने
एक्के ज्ञान बाँटलकै हो।