Last modified on 27 सितम्बर 2016, at 03:01

ज़िन्दगी / मोहन कल्पना

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:01, 27 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन कल्पना |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ऐं पुछियो नारदमुनीअ हिकिड़ो
सुवाल:
ज़िंदगीअ जो रूपु छाहे?
खिन पलक जी माठि बाद
भॻवान उत्तर ही ॾिनो:
ज़िन्दगी आ हिकु उहो वणु अफ्रीकी
जेको प्राणीअ खे ॾिसी
शाख़ुनि खे ॿांहुनि जियां वधाए
ऐं निपूड़े साहु थो हुन जो कढे...