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आत्मा ॿात्मा / हरीकान्त

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पंहिंजो उडिड़ियलु उभु
पाण ई सुबी वठन्दासीं
असां खे पेरनि पोखण वास्ते
असां जे हिस्से जी धरती
वापस ॾियो

सुवाल इहो कोन आहे
त चूंडियल महाराजा जे दरॿार जो
दीवान-ए-आम वॾो आहे
या दीवन-ए-ख़ास
सुवाल ही आहे दर असुल
असांजी धरती किथे आहे?
अख़बारुनि द्वारा लिखियल
लिखायल इतिहास जे शहज़ादनि
ऐं हरामज़ादनि जी असलियत
ख़ूब ॼाणूं था
मुर्दे जो मासु चॿाड़ण वारा
वेचारा अहिंसक आदमख़ोर
असांजी धरती ॻिरकाए
गुगदामी अंदाज़ में ओॻराईन्दे
लोकनि लेखे भॼनु गुनगनाईन्दे
सरगी थी विया अलाए नरगी
खेनि मिस्कीननि जा मसीहा

उर्फ़ धरतीअ जा देवता कोठे
संदनि आत्माउनि जी शांतीअ लाइ असीं
प्रार्थनाऊं कोन कन्दासीं
आत्मा ॿात्मा
इनसाननि खे थीन्दी हून्दी
उहा बि शायद!