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मानु / मोहन गेहाणी
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सिंधी ॿोली ज़िंदाबाद
सिंधी जाती अमर रहे।
खू़ब नारा लॻाराया वञनि पिया
पंज हज़ार साल झूनी सभ्यता
जो वास्तो विझी
सिंधी हुअण
में फ़खुरु वठण लाइ
प्रतिज्ञा पत्र भराया वञनि पिया
दिल बुडी थी वञ!
जीअरे त कंहिंजो मानु न थियो आहे।