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मींहुं पियो जे परसाल जियां / एम. कमल

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मींहुं पियो जे परसाल जियां-
सुॾिकन्दी छिति साॻ हाल जियां॥

जीवति जी थधि में ख़्वाबनि खे।
वेढ़े जीउ ऊनी शाल जियां॥

ज़िंदगीअ उमिरि जे कोके में।
टंगे छॾियो आ टुवाल जियां॥

सस्तो या कि महांगो, पर तूं।
विकामिजी वेंदें माल जियां॥

ॿुधु त दिलासा ताज़ा टोल।
चखि त आहिनि बांसी माल जियां॥

हिकु हिकु थी सभु अरमान कमल।
खोइजी विया गोल्फ़ बाल जियां॥