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औरत सां प्यारु / अर्जुन ‘शाद’

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औरत सां प्यारु
माना
औरत जे जिस्म सां प्यारु
आत्मा जो प्यारु त फ़क़त
ईश्वर सां ई थी सघे थो;
औरत जे आत्मा ताईं पहुचण में
हथनि खे कहिड़ो स्पर्श थींदो
ऐं तन ऐं मन जो कहिड़ो लुत्फ़ु ईंदो?