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लुटिजी वियड़ो क़रारु / अर्जुन ‘शाद’

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लुटिजी वियड़ो क़रारु - छो दिलड़ी अड़ायमि!

दिल पंहिंजीअ ते कीन रहियो वसु
थी वियो कंहिं सां प्यारु - छो दिलड़ी अड़ायमि!

मुंहिंजी मस्त वेई उॾामी-
ॾेई वियो दर्द हज़ार - छो दिलड़ी अड़ायमि!

तुंहिंजी याद जो दामन पकिड़े
रूआं ज़ारो ज़ार - छो दिलड़ी अड़ायमि!

तुंहिंजे अचण सां दिल जे चमन में
मोटी ईंदी बहार - छो दिलड़ी अड़ायमि!