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ज़िन्दगी / हरूमल सदारंगाणी ‘ख़ादिम’

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ज़िन्दगी दरिया आहि
केई अहिड़ा दरिया
नंढिड़ा ख्वाह वॾा
हिति ॾिठा आहिनि मूं-
ऐं अखियूं
जे हुयूं दरिया
रंग में
लहर में
ऐं कुन जे घेरे में।

दरगुज़र हो माज़ी
मूं बि
हिकु हिकु करे
गु़ज़ारियल खे
लाहे
दरिया में बेगुमान विधो
केई रंगीन दरिया
मुंहिंजे चौगिर्द बणिया
जिनि जूं गहरियूं लहरूं
निंड गहरीअ में रहियूं
ऐं कुननि में...?