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जिगर आज़मायूं / हूँदराज दुखायल

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तर्ज़: का कंहिंजी, का कंहिंजी।

थल्ह: अचो नौजवानो हुनर आज़मायूं,
छुटियूं गरम गोलियूं, जिगर आज़मायूं।

परे खां पवनि था तरारुनि जा तिजला,
करे सख्त सीना सपर आज़मायूं।

हली जेलखाने जे लोहे जूं शीखूं,
ऐं ऊचा भितियुनि जा पत्थर आज़मायूं।

मिठो मुर्क सां सभु सही सूर सख्तियूं,
अहिंसा संदो अॼु सबुर आज़मायूं।

ॾेई भेट में रतु ऋषियुनि ऐं मुनियुनि जो,
दिली दर्द जो था असरु आज़मायूं।