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क़ाबिल हथियार / हूँदराज दुखायल

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सर्गस लाइ

तर्ज़: आ गया पंथ अकाली, बाबा आ गया पंथ अकाली।

थल्ह: इंगलंड जी बेकारी, थी भारत जे वसि सारी।

बहिश्कार वारो बम गोलो, विझे थो गोरनि जे घरि रोलो,
बाहि वॾी जंहिं ॿारी, थी भारत जे वसि सारी।

लैंकशायर खे लोॾो आयो, ॾेवालनि जे ओॾो आयो,
पोर्हियत थिया पेनारी, थी भारत जे वसि सारी।

मैंचेस्टर आ मांदो थी वियो, कमकार खां वांदो थी वियो,
रतु रोअनि वापारी, थी भारत जे वसि सारी।

कारख़ाना हर रोज़ विसामनि, कलूं पुराणे लोह विकामनि,
ॾाढी थी लाचारी, थी भारत जे वसि सारी।

सिग्रेटनि जूं सणिभियूं सेठियूं, मोननि में मुंहुं पाए वेठियूं,
आपघात थिया जारी, थी भारत जे वसि सारी।

बहिश्कारु जे क़ाइमु थींदो, बाज़ बदू ही पाण ही ईंदो,
कंदो सुलह लइ तियारी, थी भारत जे वसि सारी।