भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हिंडोले झूलत दोऊ सरकार / बिन्दु जी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:46, 18 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बिन्दु जी |अनुवादक= |संग्रह=मोहन म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिंडोले झूलत दोऊ सरकार
श्री मिथिलेश लली संग राजत श्री अवधेश कुमार।
दामिनि गरजि गरजि घन बरसत रिमझिम पड़त फुहार॥
झुकि झुकि लाल लली मुख निरखत मानत मोद अपार।
मानहुँ अरुण ‘बिन्दु’ पंकज पर भ्रमत भ्रमर बहुबार॥