Last modified on 18 अक्टूबर 2016, at 07:01

बाँका झूला सिय साजन कारी / बिन्दु जी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:01, 18 अक्टूबर 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बाँका झूला सिय साजन कारी,
मोतिनहार, बंदनवार, हीरे हज़ार की कतार।
बार-बार छवि निहार, रतिपति निजमद भुलारी॥ बाँका झूला...
चम्पा, चमेली, मोतिया, बेला, जूही अकेली छवि सकेली।
झेलि-मेलि करत केलि, फूलों की महक से फूलारी॥
तापै विराजे अवधराज, जनक जी समेत आज।
लखत लाज त्यागि, सुजन छवि हरण विविध शूलारी॥ बाँका झूला...
अरुण बरण मंगल करण, दोऊ पिय प्यारी के चरण।
शरण ‘बिन्दु’ पातकी के सोई जीवन धन मूलारी॥ बाँका झूला...