जाने उसका कहर नहीं होता
या हमीं पे असर नहीं होता
घर की बुनियाद में बड़े होंगे
ईंट पत्थर से घर नहीं होता
माँ की नम आँखें देखकर समझे
क्यूँ बद्दुआ का असर नहीं होता
आजकल दिल का दिल से झगड़ा है
साथ में अब बसर नहीं होता
कोई पत्थर तराश लो कितना
ताज जैसा मगर नहीं होता
जाने वो कैसे कर गए थे ज़मीं
हमसे दीवारो दर नहीं होता
प्यार को खेल मानते रहते
प्यार तुमसे अगर नहीं होता
हमको खुशियाँ भी रास आती नहीं
और दर्द में भी गुज़र नहीं होता