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गलफर में जहर / 22 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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एक दिन
गधी नें गदहा से कहलकै-
तोरा लाज नै आवै छौ
आदमी सें भी बदतर होय गेले
कहाँ-कहाँ मुँह मारै छै
आवै तै
मुहल्ला भर के लोग भी
अपना बुतरु के
तोहरा बच्चा कहै लागलौ।

अनुवाद:

एक रोज
गधी ने गदहे से कहा
तुम्हें शर्म नहीं आती-
आदमी से भी बदतर हो गए हो
कहाँ-कहाँ मुँह मारते हो
अब तो
मुहल्ला भर के लोग भी
अपने बच्चे को
तुम्हारा बच्चा कहने लगे हैं।