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झंगल में होली / मीरा हिंगोराणी

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मौज मां हाथीअ सूंड घुमाई,
हली पिचकारी शर्र-शर्र...
तोतो मैना कनि ठठोली,
मती मौज रंगनि जी,
होलीअ में....

टिप्पा ॾेई नचण लॻो,
चड़िहियो कूए खे नशो भंग जो,
मतो खूब हुड़दंॻहोलीअ में...

रड़िंया सभई प्रेम-रंग में,
फगुणु फूलारियों बाॻनि में,
चढ़ियो भंग जो रंगु।
सभिनखे होलीअ में...

मती मौज रंगनि जी-होलीअ में!!
मती मौज रंगनि जी-होलीअ में!!