भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चौकड़ी / अमुल चैनलाल आहूजा 'रहिमी'

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:12, 3 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमुल चैनलाल आहूजा 'रहिमी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ज़हिन ते ज़ोर न ॾिनो अथम
कॾहिं बि कुझु लिखण ख़ातिर
लिखजी वेंदो आहे घणो कुझु हलंदे हलंदे
ॾिनो अथम जो इन में आहे घणो कुझु!