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पंजड़ो ॿियों / लीला मामताणी

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मतां तूं थीं दिलगीर, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥

1.
अण तारूअ खे तार मां तारे, बुॾल ॿेड़ा पार उकारे
वाहर कन्दो वरुणु वीरु, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥

2.
दुखियनि सां थो थिए सहाई, अघनि जी पिण कढे थो अघाई
खुश रखे थो सरीर, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥

3.
आसाउनि जी थो आस पुॼाए, पुटिड़ा प्यासनि खे बि पसाए।
सांवल शाह सुधीर, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥

4.
सुका त सावा करे पट रोड़ा, भरे थो भरपूर खाली ढोरा।
अहिड़ो सखी जिं़दह पीरु, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥

5.
जहान जूं जिंदा जोडूं जोड़े, खिन में ख़ौफ़ ऐं ख़तरा टोड़े।
जोधा धारिजि तूं धीरु, तोखे दूलहु दिलासो ॾींदो॥