भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मासी / मुकेश तिलोकाणी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:58, 6 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश तिलोकाणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मासीअ खे ॾिठे
ॾींहं थिया
उहे टहिक
उहो रुतिबो
उहे मुश्क
थोरी विस विस
मासीअ सां गॾु
सभु गुमु
पर अॼु संदसि
पाछे खे ॾिसी
कुझु कुझु लॻे पियो साॻियो
मन अंदरि
हिकु अहिसासु
साॻी जहिड़ी...