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अखरु-भूरी / मुकेश तिलोकाणी
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अखरु भूरीअ खां पोइ
अलाए छा!
हा, बराबर
थिए पियो, थींदो हलंदो
रामायण
महाभारत
पाठु साहिबु
सत्संगु
कीर्तनु
सुखो ऐं सेसा
गरमु शरबतु
टहिकनु सां गॾु
रड़ियूं
आयोलाल-झूलेलाल
झुमिरि
डोंका
छेॼ
टपिड़ो
भॻतु
अल्लाह मियां-भलो मियां
अखरु भूरीअ खां पोइ
अलाए छा!