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सुरिमो / मुकेश तिलोकाणी

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अंधनि खे
सुरिमो न पाइ
हिननि खे
हुअण जी खु़शी आहे
सूंहं-सुरिमे जी न
बहितरु
पंहिंजीअ थुक मां
कानी ॿोॾे
संदनि अखियूं ठारि।
सॼनि सां
हथु मिलाइ
सोनी कानी
बुर्शट जे खीसे में विझु
ऐं कंदो रहु
राह रोशनु
सतनाम चई
अॻियां वधु
अंधा बि खु़शि
सॼा बि...