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छा करियां / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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तूं अचीं याद हर हर, त छा करियां
वेसारे सघां न जेकर, त छा करियां

तुहिंजो नालो लबते, रहे हर घड़ी
तसवुर में न ॿियों को, त छा करियां

रहां रात दीहं थो तुहिंजे ख्याल में
निकिरे न याद, दिल मां त छा करियां

चण्डु दिसां, मां दिसां चेहरो तुहिंजो
मस्त मंजर तूं लॻी थी, छा करियां

प्यार तुहिंजे ते, वञां ॿलिहार मां
तूं ई न जे मुरिकी निहारीं त छा करियां