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जय जय झूलेलाल / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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जंहिजे बि जुबान ते जय-जय झूलेलाल आ
तहिंजो समो सारो, सुख भरियो हर साल आ
जेको झूलण जी जोति जाॻाए
लालण जी जो छेॼ लॻाए
हथड़ा भरे जेको मुंह खे लॻाए
तंहिजो मुंह आनन्द में, सदा लाल ऊं लाल आ
जहिंजे बि जुबान ते जय जय झूलेलाल आ
जेको सुखपाल जी सेसा थो विरहाए
कुणको करें जेको संगत खे खाराए
तहिंजो भण्डारो सदाईं माला माल आ
जंहिजे बि जुबान ते जय जय झूलेलाल आ
जेको झूलण जा पंजड़ा थो ॻाए
लालण ते जो चंवर झुलाए
तंहिंजो लालण कंदो ॿेड़ो सदा पार आ
जंहिजे बि जुबान ते जय जय झूलेलाल आ
जेको झूलण जे दर ते अचे सवाली
दयालू दाता कंहिंखे मोटाए न खाली
जंहिजे बि जुबान ते जय जय झूलेलाल आ
झूलण जे अॻियां ”लक्षमण“ पलव थो पसारे
महर वसाये सभिन जा कार्ज संवारे
भक्तनि जो झूलण राजा राखो रखपाल आ
जंहिजे बि जुबान ते जय जय झूलेलाल आ