भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नहीं बनेंगे / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:32, 16 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |अनुवादक= |संग्रह=मेरे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
चौराहों पर भीख
माँगने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।
घर वालों से रूठ
भागने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।
चलती बस में जेब
काटने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।
अपनी किस्मत को
बिगड़ने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।
कठपुतली की तरह
नाचने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।
गलत बात को कभी
मानने वाले बच्चे
नहीं बनेंगे।