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ओ हाथी प्यारे / प्रकाश मनु
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सूँड़ हिलाता हाथी आया
बोला-जाऊँगा दिल्ली,
मुझे चिढ़ाकर भाग गई है
मोटी सी एक बिल्ली।
मैं बोला-ओ हाथी प्यारे
तू वन का है राजा,
छोड़ उसे तू, खा जंगल के
फल ये ताजा-ताजा।
बहुत बड़ी है दिल्ली, उसमें
बिल्ली छिप जाएगी,
खूब हँसेगी तुझ पर,
तेरे हाथ नहीं आएगी।