समय को रगड़ने दो
साबुन
उठने दो झाग,
छूटते नहीं दिखते
इतने काले हैं दाग
गन्दे कपड़ों में कौन सा त्यौहार?
सहनी ही होगी-
वक्त की मार।
समय को रगड़ने दो
साबुन
उठने दो झाग,
छूटते नहीं दिखते
इतने काले हैं दाग
गन्दे कपड़ों में कौन सा त्यौहार?
सहनी ही होगी-
वक्त की मार।