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कुत्ते तैत्थों उत्ते / बुल्ले शाह
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रातीं जागें करें इबादत<ref>भक्ति</ref>,
रातीं जागण कुत्ते,
तैत्थों उत्ते!
भौंकण बंद ते मूल ना हुन्दे,
जा रूड़ी ते सुत्ते,
तैत्थों उत्ते!
खसम<ref>मालिक</ref> अपने दा दर ना छड्डदे,
भावें बज्जण जुत्ते
तैत्थों उत्ते!
बुल्ले शाह कोई रख<ref>दौलत</ref> विहाज लै,
नहीं ते बाज़ी लै गए कुत्ते,
तैत्थों उत्ते!
शब्दार्थ
<references/>