भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मंच परमे अनेरे धमकलासँ की / नवल श्री 'पंकज'
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:59, 8 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवल श्री 'पंकज' |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मंच परमे अनेरे धमकलासँ की
बहीरक समूहमे बमकलासँ की
पैंच लैयो कऽ चान बँटैत छै इजोत
बन्न तिजौरीमे हीरा चमकलासँ की
कर्मठकें काया लेढायलो तऽ कंचन
निठल्लाक सजि-धजि छमकलासँ की
स्वभावक सुगंध आकर्षित करैछ
गुलाबजलसँ नहाऽ गमकलासँ की
बनि कऽ क्रांतिक धार बहबै "नवल"
डबरा बनि कऽ कतौ ठमकलासँ की