भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इतिहासकार-1 / विनोद शर्मा
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:00, 15 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शब्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अंधेरे प्रेक्षागृह में
बैठा दर्शक जिसकी
अंधेरे मंच को टटोलती हुई नजर
सिर्फ उसी अभिनेता को देख पाती है
जिस पर स्पॉटलाइट पड़ती है।