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आधी दुनिया / विष्णुचन्द्र शर्मा
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सुनो
तुम जहाज की खिड़की पर
खड़ी हो!
तुम्हीं से
पूछ रहा हूं।
आठ साल दस महीने बाद
कब तक
धूप में रहोगी दूर-दूर।
सुनो,
फैली हुई धूप
बता रही है
‘तुम्हारे बाद
आधी दुनिया मुझे प्यार करती है।’
सुनो,
तुम्हें क्या
कोई हीरा
हमारे प्यार का
मिला है।