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चारे यार रसूल दे चार गौहर<ref>मोती</ref> सभे इक थीं इक चड़हंदड़े ने
अबू बकर ते उमर, उसमान, अली आपो आपणे गुणीं सोहंदड़े ने
जिना सिदक यकीन तहिकीक कीता राह रब्ब दे सीस विकंदड़े ने
शोक सिदक यकीन तहिकीक कीता वाह वाह ओह रब्ब दे बंदड़े ने