Last modified on 29 मार्च 2017, at 17:19

14 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:19, 29 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रांझा जौतरा वाह के थक रिहा लाह अरलियां छाउं नूं आंवदा ए
भता आन के भाबी ने कोल धरया हाल आपना रो विखांवदा ए
छाले पये ते हथ ते पैर फुटे सानूं वाही दा कम ना आंवदा ए
भाबी आखया लाडला बाप दा सैं अते खरा प्यारड़ा माउंदा ए

शब्दार्थ
<references/>