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20 / हीर / वारिस शाह
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सिधा हो रोटियां खा जटा अतां कास नूं एडीयां चाइयां<ref>भौहें क्यों चढ़ाई</ref> नी
घर बाहर वसार खवार<ref>बदनाम</ref> होइयां झोकां प्रेम दीयां जिहना नूं लाइयां नी
जुलफां कालियां कुंडियां नाग काले जोकां हिक ते आन बहाइयां नी
वारस शाह एह जिहनां दा चंद देवर घोल घतिआं सभ भरजाइयां नी
शब्दार्थ
<references/>