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खबर भाइयां नूं लोकां ने जा दिती धीदो रुस<ref>एक जाति</ref> हजारयों चलया जे
हल वाहण ओस तों होए नाहीं मार बोलियां भाबियां सलया जे
पकड़ राह तुरया हंझू नयन रोवन जिवें नदी दा नीर उछलया जे
वारस शाह दे वासते भाइयां ने अधवाटयां राह आ मलया जे