Last modified on 29 मार्च 2017, at 17:44

50 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:44, 29 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लोकां आखिया मियां तूं कौण हुंना? आणि किस ने अन्न खवालिया ई
तेरी सूरत तां बहुत मलूक दिसे ऐडा जफर<ref>कष्ट</ref> तूं कास नूं जालिया ई
अंग साक तूं छड के नस आयों बुढी माऊं ते बाप नूं गालिया ई
ओहले अखियां दे तैनूं किवें कीता किन्नां दूतियां दा कौल पालिया ई

शब्दार्थ
<references/>