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60 / हीर / वारिस शाह
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रांझा आखदा एह जहान सुफना छड जावना ई मतवालीये नी
तुसां जिहे सरदारां नूं एह लाजम आये गये मुसाफरां पालीये नी
ऐडा हुसन दाना गुमान कीजे एह लै पलंघ ते सने निहालीये<ref>तेज़ धार</ref> नी
वारस आसरा रब्ब दा रखया ई, उठ जावना ई नैना वालीए नी
शब्दार्थ
<references/>