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80 / हीर / वारिस शाह
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खुआजा खिजर ते शकरगंज बोज़ खोरी मुलतान दा जिकरिया पीर नूरी
होर सयद जलाल बुखारिया सी अते लाल शाहबाज ते बहशत हूरी
तुररा खिजर रूमाल शकरगंज दित्ता अते मुंदरा लाल शहबाज नूरी
खंजर सयद जलाल बुखारीये दा खूंडी जिकरीए मीर ने हिक बूरी
तैनूं भीड़ पवे करीं याद जटा वारस शाह ना जानना पलक दूरी
शब्दार्थ
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