Lalit Kumar(चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:33, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हीर गई जां नदी ते लैण पानी कैदो आन के मुख वखांवदा ए
असीं भुख ने मार हैरान कीते आन सवाल खुदाय दा पांवदा ए
रांझा पुछदा हीर नूं एह लंगा हीरे कौन फकीर किस थांवदा ए
वारस शाह मिआं जिवें पुछ के ते कोई उपरों लून चा लांवदा ए