भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

118 / हीर / वारिस शाह

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:03, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शौक नाल बजायके वंझली नूं पंजां पीरां अगे खड़ा गांवदा ए
कदी ऊधो<ref>कृष्ण जी का एक मित्र</ref> ते काहन<ref>कृष्ण</ref> दे बिशन पदे कदी माझ बिहारी दी लांवदा ए
कदी ढोल अते मारवाण छोंदेंदा कदी बूबना चा सुनांवदा ए
मलकी नाल जलाली नूं खूब गावे विच झीवरी दी कली लांवदा ए
कदी सोहणी ते महींवाल वाला नाल शौक दे सद सुनांवदा ए
सारंग नाल तिलंग शहानयां दे राग सूही दा भोग विच पांवदा ए
सोरठ गूजरी पूरबी ललत भैरों जोग राग दी जील वजांवदा ए
टोडी मेघ मलहार धनासरी ते जैतसरी नू नाल रलांवदा ए
मालसरी ते परज बिहाग बोले नाले मालवा विच वजांवदा ए
किदारा अते बिहागड़ा राग मारू नाले कानडे़ दीआं सुरां लावंदा ए
कलयान दे नाल मालकोंस बोले नट मंगल चार सुणांवदा ए
बरवा नाल पलासीया भीम बाले दीपक राग दी तार वजांवदा ए
जंगला नाल पहाड़ी झंजोटियां दे गौड़ी नाल आसा खड़ा गांवदा ए
रामकली बसंत हिंडोल गावे ते मुंदावनी दीयां सुरां लांवदा ए
खड़ा नाल बहार दे ठाठ करदा वारस शाह नूं तुरत रिझांवदा ए

शब्दार्थ
<references/>