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120 / हीर / वारिस शाह
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रांझे पीरां नूं बहुत खुशहाल कीता दुआ दितियां ने जाह हीर तेरी
तेरे सब मकसूद<ref>मनोरथ</ref> हो गए हासल मदद हो गए पंजे पीर तेरी
जाह गूंज तूं विच मगवाड़<ref>चरांद</ref> बैठा बखशी गई है सब तकसीर<ref>कुसूर</ref> तेरी
वारस शाह मियां पीरां कामलां<ref>पहुँचे हुए पीर</ref> ने कर छडी है नेक तकदीर तेरी
शब्दार्थ
<references/>