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189 / हीर / वारिस शाह
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कंगन नाल जंजीरियां पंज मुणियां हार लौंगां दे नाल पुरायो ने
तुंगा<ref>गहनों की किस्म</ref> नाल कपूरां<ref>गहनों की किस्म</ref> दे जुट सुचे तोड़े पाउंदे गजरयां छायो ने
पहौंची जुगनियां नाल हमेल माला मोहर बिछुए नाल घड़ायो ने
सोहनियां अलियां नाल पंजेब फबे घुंगरालड़े घुंगरू लायो ने
वारस शाह गहना ठीक चाक आहा सोई खटड़े<ref>खटाई से गहने रगड़कर साफ करना</ref> चा पवायो ने
शब्दार्थ
<references/>