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296 / हीर / वारिस शाह

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लैन जोगी नूं आइयां धुन्बला<ref>टोली</ref> हो चलो गल बना सवारीए नी
सभे बोलियां जो नमसकार जोगी क्यों नी साईं सवारीये पयारीए नी
वडी मेहर होई एस देस उते वेहड़े हीर दे नूं चलो तारीए नी
मंग नगर अतीत है अजे खाना बातां शोक दीयां चा वसारीए नी
वारस शाह तुसीं घरों खा आइयां नाल चावड़ा<ref>छेड़खानी</ref> लौ घुमकारीए नी

शब्दार्थ
<references/>