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328 / हीर / वारिस शाह

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नैना हीर दियां वेख के आह भरदा वांग आशकां अखियां मीटदा ए
जिवें खसम कुपतड़ा रन्न गुंडी कीता गल नूं पया घसीटदा ए
रन्नां गुंडियां वांग फरफेज<ref>छल-कपट</ref> करदा तारन हारड़ा लगड़ी परीत दा ए
घत घगरी बहे एह वढा ठेठर<ref>गंवार</ref> उसतादड़ा किसे मसीत दा ए
चूंडियां वखियां विच एह वढ लैंदा पिछों आपणी वार एह चीकदा ए
इके खैर हथा नहीं एह रावल इके चेलड़ा किसे पलीत दा ए
ना एह जिन्न ना भूत न रिछ बांदर ना एह मुनया किसे अतीत दा ए
वारस शाह परेम दी ज़ील<ref>जाल</ref> न्यारी न्यारा अंतरा इशक दे गीत दा ए

शब्दार्थ
<references/>