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360 / हीर / वारिस शाह

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सहती गज के आखदी छड जटा खोह सब नवालियां सटियां नी
होर सब जातां ठग खधियां नी पर एस वेहड़े विच जटियां नी
असां एतनी गस मलूम कीती एह जटियां मुलक दियां डटियां नी
डुमां रावल कुतयां जोगियां दियां जीभां धुरों शैतान ने चटियां नी
पर असां वी जिन्हां नूं हथ लाया ओह बूटियां जड़ां तों पटियां नी
पोले ढिड ते अकल दी मार बहुती चाहां पीन त्रबेहियां खटियां नी

शब्दार्थ
<references/>