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381 / हीर / वारिस शाह

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पते डाचियां दे पूरे लांवना एं देंदा मेहने शामतां दौड़ियां वे
मथा डाइयो ई नाल कुआरियां दे तेरियां लौंदियां जोगियां मौरियां वे
तेरी जीभ मवेसियां हथ आलत अते चितड़ी लड़दियां धौरियां वे
खैर मिले सो लए ना नाल मसती मगे दुध ते पान फलौरियां वे
इक देन आटा इक टुक चपा भर देन ना चाटियां कोरियां<ref>कुल्हड़</ref> वे
एस अन्न नूं ढूंढ़दे ओह फिरदे चढ़न हाथीयां ते होन चोरियां वे
वडे कमलयां दी असां भंग झाड़ी एथे केहियां वललियां सोरियां वे
सोटा वडा इलाज कुपतयां दा तेरियां वारस भैड़ियां दिसदीयां तौरियां वे

शब्दार्थ
<references/>