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387 / हीर / वारिस शाह

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तेरे मौर लौंदे फाट खान उते मेरी फुरकदी अज मुतैहर<ref>डंडा</ref> है नी
मेरा कुतकां<ref>डंडा</ref> लवे ते तेरे चुतड़ अज दोहां दा वडड़ा भेत है नी
चिबड़<ref>फलदाना</ref> वांग तेरे बिउ कढ सुटां तैनूं आया है जोर दा कहर है नी
एस भेड दे खून तों किसे चिड़ के नाहीं मार लगया कदी शहर है नी
उजाड़े खोर गधे वांगूं कुटिएगी तैनूं वढड़ी किसे दी विहर<ref>बगावत</ref> है नी
वारस शाह ए मारदी रन्न कुती किसे छडावनी वेहड़े ते कहर है नी

शब्दार्थ
<references/>