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478 / हीर / वारिस शाह

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तेरे मापयां साक कुथों कीता असां रुलदे ई रह गए पासयां ते
आप रच गईए नाल खेड़या दे साडी गल गवाइयां हासयां ते
सानूं मार के हाल बेहाल कीता आप होईए दाबयां झासयां ते
साढे तिन्न मन देहा मैं फिदा कीता हुन होई ऐ तोलयां मासयां ते
सत पंज बारां अते तिन्न काणे लिखे एस जमाने दे पासयां ते
वारस शाह वसाह की जिंदगी दा साडी उमर है नकश<ref>चिह्न</ref> पतासयां ते

शब्दार्थ
<references/>