भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
499 / हीर / वारिस शाह
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:00, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अड़ियो कसम मैंनूं जे यकीन करो मैं निरोल बेगरज बेदोसियां नी
जेहड़ी आप विच रमजां सुनांदियां हो नहीं जानदी मैं चापलोसियां नी
मैं तां पेकियां नूं पई याद करां पई पाउनियां नित ओसिआं नी
वारस शाह क्यों तिन्हां अराम आवे जेहड़ियां इशक दे ता विच लूसियां नी
शब्दार्थ
<references/>