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584 / हीर / वारिस शाह
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खरल हांस मलकां मशहूर मुलकां जिथे शे’र कीता यारां वासते मैं
परख शे’र दी आप कर लैन शायर घोड़ा फेरया विच निखास दे मैं
पढ़न गभरू देस विच खुशी होके फुल बीजिया बास दे वासते मैं
वारस शाह ने अमल दी रास मैथे करां मान नमानड़ा कास ते मैं
शब्दार्थ
<references/>