साथैं जीबै साथैं मरबै / खुशीलाल मंजर

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केनां केॅ भूलियै आबेॅ हुनका
जेकरा लेली काटलाँ दुख
सभ्भै रऽ संताप सही केॅ
सैती देलियै ताखां सुख
है जिनगी नैं फेरु पैबऽ
खुली केॅ गाबी लौं गीत
बड़ी जतन सें हुनका पैलां
हुनकऽ रं के मिलतऽ मीत
लोग तेॅ हेनां जरतैं रहतै
हथिया, कांनी पूरबा पूख
केनाँ केॅ भूलियै आबेॅ हुनका

सच पूछऽ तेॅ जेनां लागै
हुनकऽ बिना सभ्भे सून
जरला केॅ जरैतै रहबै
कहियऽ नीं भूलबै हुनकऽ गुन
मऽन करैं कि देखतैं रहियौं
टुक टुक खाली हुनके मुख
केना केॅ भूलियै आबेॅ हुनका

हेत्तेॅ दुख तेॅ सहले जाय छी
एक दुख लेबऽ आरो मोल
साथैं जीबै साथैं मरबै
बातऽ के राखतै हुनियों मोल
सब दिन हुनकऽ सहते रहबै
करबै नै हुनका बेरुख
केनां केॅ भूलियै आबॅे हुनका

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